Are you searching for a powerful Durga bhajan that brings peace, devotion, and spiritual strength into your life? Then Bhavani Ashtakam is exactly what you need. This sacred Bhajan was composed by the great philosopher Adi Shankaracharya, dedicated to Maa Bhavani—an incarnation of Goddess Durga.
In this blog, you’ll find everything about Bhavani Ashtakam lyrics in Hindi, how to chant this bhajan, its divine benefits, and the right way to include it in your daily spiritual practice.
Bhavani Ashtakam Lyrics in Hindi
न तातो न माता न बन्धुर्न दाता
न पुत्रो न पुत्री न भृत्यो न भर्ता
न जाया न विद्या न वृत्तिर्ममैव
गतिस्त्वं गतिस्त्वं त्वमेका भवानि ॥ १ ॥
भवाब्धावपारे महादुःखभीरु
पपात प्रकामी प्रलोभी प्रमत्तः
कुसंसारपाशप्रबद्धः सदाहं
गतिस्त्वं गतिस्त्वं त्वमेका भवानि ॥ २ ॥
न जानामि दानं न च ध्यानयोगं
न जानामि तन्त्रं न च स्तोत्रमन्त्रम्
न जानामि पूजां न च न्यासयोगं
गतिस्त्वं गतिस्त्वं त्वमेका भवानि ॥ ३ ॥
न जानामि पुण्यं न जानामि तीर्थं
न जानामि मुक्तिं लयं वा कदाचित्
न जानामि भक्तिं व्रतं वापि मातः
गतिस्त्वं गतिस्त्वं त्वमेका भवानि ॥ ४ ॥
कुकर्मी कुसङ्गी कुबुद्धिः कुदासः
कुलाचारहीनः कदाचारलीनः
कुदृष्टिः कुवाक्यप्रबन्धः सदाहं
गतिस्त्वं गतिस्त्वं त्वमेका भवानि ॥ ५ ॥
प्रजेशं रमेशं महेशं सुरेशं
दिनेशं निशीथेश्वरं वा कदाचित्
न जानामि चान्यत् सदाहं शरण्ये
गतिस्त्वं गतिस्त्वं त्वमेका भवानि ॥ ६ ॥
विवादे विषादे प्रमादे प्रवासे
जले चानले पर्वते शत्रुमध्ये
अरण्ये शरण्ये सदा मां प्रपाहि
गतिस्त्वं गतिस्त्वं त्वमेका भवानि ॥ ७ ॥
अनाथो दरिद्रो जरारोगयुक्तो
महाक्षीणदीनः सदा जाड्यवक्त्रः
विपत्तौ प्रविष्टः प्रनष्टः सदाहं
गतिस्त्वं गतिस्त्वं त्वमेका भवानि ॥ ८ ॥
भवानी अष्टकम् के लाभ | Benefits of Bhavani Ashtakam Bhajan
यह पवित्र भजन (Bhavani Ashtakam Bhajan) साधक को आध्यात्मिक शक्ति और मानसिक संतुलन प्रदान करता है। इसके नियमित पाठ से:
- माँ भवानी की कृपा प्राप्त होती है
- भय, चिंता, क्लेश से मुक्ति मिलती है
- आत्मबल और भक्ति की भावना में वृद्धि होती है
- जीवन के कठिन मोड़ों में मार्गदर्शन और शांति मिलती है
- मोक्ष और आत्म-साक्षात्कार का मार्ग खुलता है
पाठ विधि | How to Chant Bhavani Ashtakam
यदि आप इस भजन को नियमित रूप से करना चाहते हैं, तो नीचे दी गई विधि अपनाएं:
- सुबह या संध्या को स्नान करके माँ भवानी के चित्र के सामने बैठें
- दीपक और अगरबत्ती जलाएं
- श्रद्धा भाव से भवानी अष्टकम स्तोत्र का पाठ करें
- चाहें तो जप माला से 11 या 108 बार जाप करें
- विशेष पर्व जैसे नवरात्रि, शिवरात्रि, दुर्गा अष्टमी पर इसका विशेष फल प्राप्त होता है